AGRON -222 crop production technology -2( rabi crops)

 AGRON -222 crop production technology -2( rabi crops)

 

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Sunflower 🌻 🌻 



स्वामी केशवानंद राजस्थान एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से या उनसे एफिलिएटिड कॉलेज b sc करने वाले स्टूडेंट इस साइट पर अपने सेमेस्टर से रिलेटेड सभी नोट्स और ओल्ड पेपर पर इस साइट पर मिलेंगे आपको और एग्रीकल्चर में आने वाले डेली अपडेट हो सभी एग्जाम से रिलेटेड इनफार्मेशन प्रोवाइड करवाई जाती है एग्रीकल्चर से रिलेटेड सभी एग्जाम और बीएससी के लिए नोट्स पेपर सिलेबस और भी एग्रीकल्चर के सभी एग्जाम से रिलेटेड अपडेट आपको साइड पर मिलते हैं



Syllabus 👇 👇 👇 👇 


Origin geographical distribution economic important soil and climate requirement 


1.wheat crop 


2. Barley crop 


3. Mustard crop 


4. Sunflower crop 


5. Chickpea crop 


6. Lentil crop 


7. Peas crop 


8. Sugarcane crop 


9. Lucerne crop 


10. Oat crop 



Notes pdf download 👇 👇 👇 👇 


https://drive.google.com/file/d/11sEtEF3fT5ofBVCnI55PyUFd_u0hb93U/view?usp=drivesdk



                  रीजका 


Scientific name — medicago sativa 

Family - leguminous 



इसका एक फलिदाचार्य वाली बहू वर्षीय फसल है जिसका एक पौष्टिक जारी की फसल है इसको चारी की फसलों की रानी भी कहा जाता है क्योंकि ग्रीष्म काल में भी यह हरे चारे की पूर्ति करती है इसके चेहरे में शुष्क पदार्थ के आधार पर लगभग 20 से 25% प्रोटीन इसके चेहरे की पाचन सुविधा 65 — 68% होती हैं 



उत्पत्ति स्थान — दक्षिणी पश्चिमी एशिया माना जाता है


वितरण — भारत में इसकी खेती यूपी हरियाणा पंजाब गुजरात तमिलनाडु में की जाती है तथा राजस्थान में लगभग सभी जिलों में की जाती है 


Climate — फ्रिज का की खेती समशीतोष्ण से लेकर शोषण जलवायु में की जाती है रितिक की फसल ग्रीष्म ऋतु में 48 डिग्री सेल्सियस तक तापमान और क्षेत्र में 65 डिग्री सेल्सियस तापमान तक निमंत आप चयन करने की क्षमता रखती है 


Soil — रितिका के लिए उचित जल निकास वाली दोमट माता सर्वोत्तम रहती है मृदा का पीएच मान 6.5 से 7.5 अधिक उपयुक्त रहता है जिन मर्दों में कैल्शियम पोटेशियम फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में प्रयुक्त हो वहां रिस्की की फसल बहुत अच्छी होती है 


Varitey — type -9 , selection - 1 , 244, 54 


Seed rate - छिड़काव विधि के लिए 20 से 25 क प्रति हेक्टेयर तथा लाइनों की बुवाई के लिए 15 क प्रति हेक्टर 


Seed treatment — फिजिकल के बीच में अमरबेल 20 के निरीक्षण हो सकते हैं इन बीजों को अलग करने के लिए रिस्क के बीजों को 2% नामक के घोल में रखते हैं अपरिपक्व के के बीच अमरबेल के बीच हल्के होने के कारण गोल पर तैरते हैं तैरते बीजों को बाहर निकाल लिया जाता है तथा गोल में नीचे बैठे राजकीय के बचों को साफ पानी से धोकर सुखा लेते हैं इसके पश्चात रिस्क के बचों को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करके बुवाई कर दी जाती है 



Showing time and method - हिचकी की बुवाई का उचित समय अक्टूबर मा होता है अक्टूबर माह के बाद बुवाई करने से चारे की उपज कम हो जाती है 


छिड़कव्वा विधि — इस विधि में क्यारी को समतल कर निश्चित मात्रा में बी चढ़कर रैंक चलकर मिट्टी में मिला दिया जाता है बी 1 सेंटीमीटर से अधिक गहरा नहीं जाना चाहिए अन्यथा अंकुरण प्रभावित हो जाता है 


लाइनों में बुवाई — लाइनों में बॉयज सीड ड्रिल या देशी हल से की जाती है 15 से 20 सेमी बीच के गहराई 2 से 3 सेंटीमीटर रखनी चाहिए 


Manure and fertilizer - अप ई एम अर्थात गोबर की खाद 10 से 15 टन प्रति हेक्टेयर तथा 20 से 25 क प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन की मात्रा 50 से 60 क प्रति हेक्टेयर फास्फोरस की मात्रा को काम में लिया जाता है 


Irrigation -- सुजुकी की बॉय के बाद प्रारंभिक दो सिंचाई 5 से 7 दिन के अंतर पर करते हैं सिंचाई मृदा की किस्म में स्थानीय मौसम पर निर्भर करती है प्राय वसंत व दृश्य मृत्यु में 10 से 12 दिन के अंतराल पर तथा सर्दियों में 15 से 20 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए 


Threshing and harvesting - हिचकी की पहली कटाई बुवाई के 55 से 60 दिन तथा इसके बाद की कटाइयां 25 से 30 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए फसल की कटाई के बाद अच्छी पूर्व वर्दी के लिए कतई भूमि से 5 से 6 सेंटीमीटर ऊंची करनी चाहिए 


Yield — 7 से 9 कटाइयों से 700 से 1000 क्विंटल हरा चारा प्रति हेक्टेयर प्राप्त होता है






















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