AGRON -221 introductory agro meteorology and climate change

 AGRON -221 introductory agro meteorology and climate change 


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स्वामी केशवानंद राजस्थान एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से या उनसे एफिलिएटिड कॉलेज b sc करने वाले स्टूडेंट इस साइट पर अपने सेमेस्टर से रिलेटेड सभी नोट्स और ओल्ड पेपर पर इस साइट पर मिलेंगे आपको और एग्रीकल्चर में आने वाले डेली अपडेट हो सभी एग्जाम से रिलेटेड इनफार्मेशन प्रोवाइड करवाई जाती है एग्रीकल्चर से रिलेटेड सभी एग्जाम और बीएससी के लिए नोट्स पेपर सिलेबस और भी एग्रीकल्चर के सभी एग्जाम से रिलेटेड अपडेट आपको साइड पर मिलते हैं



Syllabus 👇 👇 👇 👇 👇 


1. Meaning and scope of agriculture meteorology 


2. Earth atmosphere its composition extent structure 


3. Atmosphere fat variable atmo sphere pressure its variation with height 


4. Wind type of wind variable  and variation of wind speed


5. Cyclone anti cyclone land bridge and sea bridge 


6. Nature and properties of solar reduction solar constant depression of solar radiation 


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14. Agriculture and weather election modification of crop micro climate climate normal for crop and life stock production 


15. Weather forecasting type of weather forecast and their use 


16. Climate change climate available warning case of climate change and its important of regional and national agriculture 



Notes pdf download 👇 👇 👇 


https://drive.google.com/file/d/11sMTQUSHI_xc7pi_P5U4u-wO1K2zzGlA/view?usp=drivesdk




1. मौसम विज्ञान सेअभिप्राय 


मौसम विज्ञान का उद्भव अरस्तु के प्रसिद्ध ग्रंथ मेटियोरोलोजिकल से हुआ है जिसका शाब्दिक अर्थ ऊपर की वस्तु है अर्थात मौसम में विज्ञान वह विज्ञान है जिसमें वायुमंडल में घटित विभिन्न घटनाओं का विश्लेषण किया जाता है


2. जलवायु 


यह जल तथा वायु दो शब्दों से मिलकर बना है जल का अर्थ आद्रता और स्वास्थ्य है और वायु का नो की दिशा गति वायुमंडल की अन्य दिशाओं से है जिसके अंतर्गत तापक्रम भी शामिल है तापक्रम का सामान्य ताप तात्पर्य सर्दी व गर्मी है अतः किसी भी स्थान की जल और वायु की सामूहिक स्थिति जलवायु कहलाती है


 3.  ( एग्रो मेटियोरोलोजी) — सच्चे मौसम विज्ञान वह विज्ञान है जिसमें मौसम जलवायु और जल संबंधित दशाओं का अध्ययन फसल उत्पादन के उद्देश्य व दूसरे के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं के अध्ययन में किया जाता है 


मानसून अरबी भाषा के शब्द मौसम से बना है जिसका अभिप्राय मौसम या रितु प्राचीन काल में अफ्रीका में अरब देशों के सौदागर यानी व्यापारी अपने पलड़ा जहाज पर सवार होकर भारत व दक्षिण एशिया के अन्य देशों में व्यापार करने आते हैं इसके पालदार जहाज जहां हवा का रुख उधर हमारा मोबाइल के सिद्धांत पर चलते थे ग्रीष्म ऋतु में दक्षिणी पश्चिमी मानसून दवाओं की सहायता से वे लोग आते और क्षेत्र में और 3 पूर्वी मानसून हवाओं के साथ वापस लौट जाते


4. मानसून क्या है 


मानसून में मौसमी पानी है जो शीत ऋतु में महाद्वीप से महासागर की ओर ग्रीष्म ऋतु में महासागर से उनके निकटवर्ती द्वीप की ओर चलती है 


वाष्प में भरी हुई हवाएं वे हवाएं मानसून कहलाती है जो एक निश्चित ऋतु में एक निश्चित दिशा की ओर चलती है यह हवाएं 6 महासागर से थल की और छह माह तक स्थल से सागर की ओर चलती है 


रामनाथन के अनुसार मौसम की परिभाषा---उत्तरी गोलार्ध व दक्षिणी गोलार्ध के बीच अथवा महाद्वीप और महासागरीय भाग के बीच तापमान और आद्रता के अंतर से उत्पन्न होने में मानसून कहलाती है


5. राजस्थान में वर्षा की कमी के कारण 


राजस्थान की भौगोलिक स्थिति वर्ष के प्रतिकूल है अरावली पर्वतमाला की स्थिति मानसून पर्वतों के समांतर होने के कारण वह बिना वर्ष किया ही आगे निकल जाते हैं 


राजस्थान तक पहुंचने-पाते मानसून की अब सक्रिय शाखा तथा बंगाल की खाड़ी की शाखा की आद्रता लगभग समाप्त हो जाती है 


अरावली पर्वतमाला अधिक ऊंची नहीं है जिस कारण वह व्हाट्सएप युक्त मानसून पवनों के मार्ग में अवरोध उपस्थित नहीं कर पाती है अतः अब सागरीय मानसून की शाखा बिना वर्ष किया आगे की ओर निकल जाती है 


राजस्थान का अधिकांश क्षेत्र शुष्क है तथा जब आद्रता युक्त मानसून पानी इस शुष्क क्षेत्र से निकलती है तो उनकी सापेक्ष आर्द्रता काम हो जाती है फल स्वरुप मानसून होने इस मरुस्थलीय प्रदेश में वर्षा नहीं कर पाती है
















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